आज हम Gaytri Mantra के बारे में बात करने वाले हैं मैं आपको यहां पर गायत्री मंत्र के बारे में बहुत सी दो चार बातें बताऊंगा और आपको गायत्री मंत्र भी सिखाऊंगा यहां पर सबसे पहले मैं गायत्री मंत्र आपको सिखाता हूं।
उसके बाद मैंने गायत्री मंत्र को बोलने या इसको सीखने जिसको मन में दोहराने के कई लाभ बताए हैं और इसको आप कब-कब मन में दोहरा सकते हैं और इसके क्या क्या लाभ है यह मैंने विस्तार पूर्वक बताया है।
इसके बाद में हम गायत्री मंत्र के संपूर्ण अर्थ को भी समझेंगे कि गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है जो यह संस्कृत में गायत्री मंत्र लिखा गया है इसका हिंदी में हम अर्थ करेंगे और आपको समझाएंगे।
Gaytri Mantra
ॐ भूर्भुवः स्वः ।
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि ।
धियो यो नः प्रचोदयात् ।।
Gaytri Mantra Benefits | गायत्री मंत्र के लाभ
गायत्री मंत्र को जब भी हम बोलते हैं या सुनते हैं तो वह हमारे मन को बहुत ही ज्यादा शांत करता है और हमारे अवचेतन मन को भी बहुत ज्यादा शांत करके उसमें सद्भावना और शांति उत्पन्न करता है।
इसी कारण से हमें दिन में एक या दो बार Gaytri Mantra का उच्चारण करना चाहिए और रात को सोते समय भी हमें गायत्री मंत्र का उच्चारण करना चाहिए क्योंकि इससे हमारी नींद अच्छी होगी और हमें रात के समय कोई भी बुरे ख्याल नहीं आएंगे और हमारा मन पॉजिटिविटी से भरा रहेगा।
हर व्यक्ति को Gaytri Mantra का उच्चारण अवश्य करना चाहिए क्योंकि इसके कई लाभ हैं जैसे कि यह हमारे अवचेतन मन को शांत करता है जिससे हमें क्रोध नहीं आता या बहुत कम आता है अगर आपको बहुत ज्यादा क्रोध आता है तो आप अपने मन में गायत्री मंत्र का उच्चारण करें और इससे आपका क्रोध पर नियंत्रण रहेगा और कुछ लोग क्रोध पर नियंत्रण करने के लिए माथे पर चंदन का टीका लगाते हैं और गायत्री मंत्र उस चंदन के टीके की तरह ही कार्य करता है जो आपके क्रोध को नियंत्रण करता है और आप को शांत रखता है और शांत व्यक्ति सबसे उत्तम व्यक्ति होता है.
Gaytri Mantra ka Arth | गायत्री मंत्र का अर्थ
Gaytri Mantra ॐ भूर्भुवः स्वः । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ।। का अर्थ होता है कि “हे सृस्टि के सर्जनकर्ता, हे परमपिता परमात्मा हम आपका आवाहन करते है आप हमें सदबुद्धि दें और हमें सदमार्ग पर चलाये। “
गायत्री मंत्र का मुख्या रूप से अर्थ होता है ki ईश्वर से प्रार्थना करना की हमें सद्बुद्धि दे और सद्मार्ग पर चलाये।